UPPSC Protest: "एक दिन, एक शिफ्ट, नॉर्मलाइजेशन नहीं" पर अड़े अभ्यर्थी, जानें आखिर क्यों हो रहा है विरोध?

 UPPSC Protest: यूपीपीएससी पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा का दो दिन में आयोजन करने के निर्णय पर छात्र लगातार विरोध कर रहे हैं। आज छात्रों ने इस मुद्दे पर यूपी लोक सेवा आयोग का घेराव किया, उनकी मांग है कि परीक्षा "एक दिन, एक शिफ्ट" में कराई जाए और इसमें नॉर्मलाइजेशन लागू न किया जाए। आइए समझते हैं कि आखिर क्यों हजारों छात्र इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं और उनकी क्या मुख्य मांगे हैं।



छात्रों की मुख्य मांगें क्या हैं?

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस और आरओ-एआरओ परीक्षा की नई तिथियां घोषित की हैं, जिससे छात्र नाराज हैं। आयोग ने परीक्षाओं को दो दिनों और एक से अधिक शिफ्टों में कराने की योजना बनाई है और मूल्यांकन के लिए Normalization Formula लागू करने का निर्णय लिया है। छात्रों का मानना है कि इससे उनकी निष्पक्षता प्रभावित होगी और वे "एक दिन, एक शिफ्ट" में परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं।


पहले भी हुआ है विरोध

यह पहली बार नहीं है जब छात्रों ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। 21 अक्तूबर को भी अभ्यर्थियों ने सड़क पर उतरकर "नो नॉर्मलाइजेशन" और "एक दिन, एक शिफ्ट" की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।


सोशल मीडिया पर भी हैशटैग आंदोलन

इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर छात्रों का अभियान भी तेजी से वायरल हो रहा है। एक्स पर "#UPPSC_RO/ARO_OneShift" नाम के अभियान को 2.4 लाख से ज्यादा छात्रों का समर्थन मिल चुका है। उनका मानना है कि परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन के कारण उनके अंकों पर असर पड़ेगा, जिससे उनकी मेहनत का सही माप नहीं होगा।


UPPSC की योजना क्या है?

यूपीपीएससी की योजना के अनुसार, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को आयोजित होगी, जबकि आरओ-एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को कराई जाएगी। दोनों ही परीक्षाएं एक से अधिक शिफ्टों में होंगी और इसमें नॉर्मलाइजेशन लागू किया जाएगा। आयोग का कहना है कि परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ऐसा जरूरी है।


नॉर्मलाइजेशन क्या है?

नॉर्मलाइजेशन के तहत किसी भी अभ्यर्थी के अंकों का प्रतिशत निकालने के लिए उसके द्वारा हासिल किए अंकों को संबंधित शिफ्ट में उपस्थित अन्य उम्मीदवारों के साथ तुलनात्मक रूप से देखा जाता है। यह प्रक्रिया कई राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना में भी अपनाई जाती है।


क्यों है छात्रों की "एक दिन, एक शिफ्ट" की मांग?

छात्रों का मानना है कि यदि परीक्षा एक दिन और एक शिफ्ट में कराई जाए, तो सभी को समान अवसर मिलेगा और मूल्यांकन में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं होगी। आयोग को PCS परीक्षा के लिए 1758 केंद्रों की जरूरत थी, लेकिन केवल 978 केंद्र ही उपलब्ध हो पाए, इसलिए परीक्षा दो दिन कराने का निर्णय लिया गया है।


आंदोलन का असर

छात्रों का यह आंदोलन अब यूपी के प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। इसके बावजूद अभ्यर्थियों ने अपनी मांगें मानने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। कई छात्रों ने इस निर्णय के खिलाफ न्यायालय में याचिका दाखिल करने की योजना बनाई है।

Comments