बंटोगे तो कटोगे" पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य का बयान: एकता का संदेश और पाकिस्तान पर सख्त प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "बंटोगे तो कटोगे" बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ने एकता का महत्व समझाया। जयपुर में एक सभा के दौरान उन्होंने कहा कि यदि हम एक साथ रहेंगे, तो कोई भी शक्ति हमारा नुकसान नहीं कर सकती। यह संदेश भारतीय समाज को एकजुट रहने की प्रेरणा देता है और समाज में भाईचारे को बढ़ावा देता है।


रामभद्राचार्य जी ने इस नारे के संदर्भ में बताया कि जब हम विभाजित होते हैं, तो हमारी शक्ति कमजोर पड़ जाती है, जबकि एकता में असीम शक्ति होती है। उन्होंने इसे एक उक्ति के माध्यम से समझाया कि "एक अंगुली को कोई भी आसानी से तोड़ सकता है, लेकिन जब सभी अंगुलियां एक साथ मिलकर मुक्का बनती हैं, तो तोड़ने वाले के दांत तक टूट जाते हैं।" यह भारतीय समाज के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि हमें किसी भी हाल में बंटना नहीं चाहिए, चाहे हमारे पंथ अलग-अलग क्यों न हों।


कश्मीर और पाकिस्तान पर रामभद्राचार्य जी के कड़े विचार


रामभद्राचार्य जी ने पाकिस्तान और पीओके के मुद्दे पर भी अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अब वह समय दूर नहीं है जब पाक अधिकृत कश्मीर (POK) भारत का हिस्सा होगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह भारत का सिरमौर है। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी भारत की तरफ बुरी नीयत से देखेगा, उसकी आंखें निकाल ली जाएंगी।


रामभद्राचार्य का नेहरू पर कटाक्ष

रामभद्राचार्य जी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का बिना नाम लिए उनकी नीतियों की आलोचना की। उनका मानना है कि नेहरू ने देश को बांटने का काम किया, खासकर कश्मीर में। उन्होंने कहा कि जिस भूमि पर ऋषि कश्यप का जन्म हुआ, जहां भगवान शिव अमरनाथ के रूप में विराजते हैं, उस भूमि को विभाजित कर दिया गया और धारा-370 जैसी धारा को लागू कर दिया गया, जिसने भारत के इस अभिन्न हिस्से को बाकी देश से अलग कर दिया।

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